-पूर्व विधायक ने उठाई पेयजल संकट पर आवाज, मोरनी और आसपास के गांवों की हालत गंभीर
कालका: कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी ने कालका विधानसभा क्षेत्र में गहराते पेयजल संकट को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कालका विधानसभा के कई इलाकों में लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है। चौधरी ने कहा कि मोटर खराब होने पर उसे बदलने में 15-15 दिन लग जाते हैं। लोगों की लगातार मांग रही है कि कम से कम 15-20 मोटरें रिजर्व में रखी जाएं ताकि आपात स्थिति में तुरंत बदली जा सकें, लेकिन अधिकारियों और सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने पिंजौर के रायपुर गांववासी बुधु का हवाला देते हुए बताया कि गांव में 15 दिन से पानी नहीं आया है। वहीं, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि पहले ही मोरनी में पानी की समस्या को लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं। कोना गांव के रुलदू राम ने भी पानी किल्लत का जिक्र किया है।
प्रदीप चौधरी ने कहा कि बलोटी गांव में अपना नलकूप तक नहीं है, आज ग्रामीण बता रहे थे कि जंगल का पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार बलोटी में नलकूप के लिए जमीन का प्रावधान करे और जल्द समाधान निकाले।
केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, फिर भी कालका की जनता बुनियादी सुविधा पानी के लिए संघर्ष कर रही है। यह सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा, ट्रिपल इंजन सरकार की असली सच्चाई इन गांवों में साफ नजर आती है। लोग जंगलों का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं और सरकार कागज़ी दावों में उलझी है।