कांवड़ यात्रा में आस्था पर भारी प्रशासन की लापरवाही, पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी बोले: कालका की टूटी सड़कों ने श्रद्धालुओं की परीक्षा ले रही

 

कालका, 15 जुलाई। श्रावण महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है, लेकिन कालका विधानसभा क्षेत्र में श्रद्धालु श्रद्धा की बजाय सड़कों की बदहाली से जूझते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और कालका से पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी ने सड़कों की जर्जर हालत और प्रशासनिक उदासीनता को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

प्रदीप चौधरी ने बताया कि खाकी शाह से कालका, टगरा मोड़ से खेड़ावाली, समलेहड़ी, हरयोली, टांगरी पुल से टोका, प्यारेवाला से भांवली जैसे दर्जनों मार्गों की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह बजरी उखड़ी पड़ी है और सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। नंगे पांव चल रहे कांवड़ियों के लिए यह रास्ता कोई श्रद्धा की डगर नहीं, बल्कि पीड़ा का सफर बन चुका है।

उन्होंने सवाल उठाया कि हर साल कांवड़ यात्रा होती है, फिर भी सरकार ने पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं की? अब जब स्थिति बिगड़ चुकी है, तो बारिश का बहाना बनाकर जिम्मेदारी से बचा जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर समय रहते विभाग और सरकार सजग होती, तो श्रद्धालुओं को यह परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।”

जनता दरबार और समाधान शिविर भी फेल

पूर्व विधायक चौधरी ने जनता दरबार और समाधान शिविरों की असफलता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार केवल दिखावा कर रही है।
बीजेपी नेताओं के जनता दरबार हों या सरकार के समाधान शिविर, दोनों का हाल यह है कि लोग उम्मीद लेकर आते हैं और निराशा लेकर लौटते हैं। समस्याओं को सिर्फ सुन लिया जाता है, लेकिन उनका कोई समाधान धरातल पर नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि जनता बार-बार अपनी आवाज उठा रही है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग या तो नजरअंदाज कर रहे हैं या फिर केवल फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं।

प्रदीप चौधरी ने सरकार से मांग की कि वे कांवड़ यात्रा के मार्गों पर त्वरित राहत कार्य करवाएं और जहां संभव हो, अस्थायी पैचवर्क से श्रद्धालुओं के लिए रास्ता सुगम बनाएं। श्रद्धा का अपमान सरकार की नीतिगत नाकामी को उजागर करता है।

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