पारंपरिक वेश-भूषा में बौद्ध अनुयायी करेंगे मोदी का अभिनंदन
डुंडा यशपाल बिष्ट
उत्तरकाशी। गंगोत्री। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें जहाँ 2018 में केदारनाथ धाम में दीपावली के अवसर पर केदारनाथ मन्दिर में पूजा अर्चना की थी, वहीं सीमा पर तैनात जवानों को हर्षिल आकर मिठाई भी खिलाई थी। लगभग 7साल बाद पीएम मोदी फिर शीतकालीन यात्रा और होम स्टे योजना को बढ़ावा देंनें के उदेश्य से मुखवा हर्सिल् दौरे पर 6मार्च को मौसम के मिजाज को भांपकर ही आयेंगे। बेशक मौसम विभाग के अभी के अनुमानानुसार 6मार्च को गंगोत्री में मौसम साफ तो रहेगा, लेकिन नियति को क्या मंजूर होगा वह बता पाना आसान भी नहीं है, वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के अनुसार भी 6मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर स्पष्ट कर दिया गया है।
जहाँ जनपदवासियों के साथ मुखवा, हर्सिल्, जादुंग गाँव के लोग पीएम मोदी के आनें को लेकर खासे उत्साहित हैं, वहीं मुखवा, हर्सिल् गाँव की कायाकल्प वर्तमान तस्वीरों को देखकर जनपद का हर एक ग्रामवासी पीएम मोदी को अपनें गाँव आनें की उम्मीद और गाँव के विकास को लेकर मन ही मन मोदी तक निमंत्रण देंनें की सोच रहा है। सरकार की हर जन-कल्याणकारी योजनाओं को जो प्रशासन, प्रधान, गाँव को देश की आजादी के बाद से धरातल पर उतार गाँव को नहीं निखार सके, प्रधान मंत्री मोदी के आनें से लगभग दो महीनें के भीतर ऐसे दो गाँवों की तस्वीर ही बदल गयी है।
मुखवा गाँव के पंडा समाज से लेकर हर वर्ग समुदाय के लोगों के मन में पीएम मोदी की तस्वीर घर कर गई है। ऐसे ही हर्सिल् के पूर्व प्रधान, भाजपा जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भवान सिंह राणा भी पीएम मोदी के दौरे को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं। उन्होंने गाँव के ग्रामीणों के साथ पीएम मोदी के पूर्व के दौरे को याद करते हुए, इस दौरे को भी यादगार बनानें को लेकर तैयारियां कर रखी हैं, पारंपरिक बौद्ध संस्कृति, परम्परा, भेष, भूसा में मोदी का अभिनंदन करनें की बात कही।
उन्होनें प्रधानमंत्री के वादे की याद दोहराई कहा कि मोदी जो कहते हैं, वह करते भी हैं। हर्षिल में प्रधानमंत्री नें सेना के जवानों के बीच कहा कि आरएसएस के एक सदस्य के रूप में, मुझे सेना के लोगों के बीच रहनें का मौका मिला, उस समय मैंने वन रैंक वन पेंशन के बारे में बहुत कुछ सुना, कई सरकारें आईं और गईं, चूंकि मैं आपकी भावनाओं से जुड़ा था, इसलिए प्रधान मंत्री बनने के बाद OROP के अपने सपनों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का गाँवों के विकास के प्रति समर्पण सराहनीय है। मुखवा और हर्सिल गाँवों में हुए बदलाव से स्पष्ट है कि उनकी नीतियाँ जमीनी स्तर पर असर दिखा रही हैं। ग्रामीणों का उत्साह और विश्वास प्रधानमंत्री के प्रति स्पष्ट झलकता है। यह देखकर अच्छा लगता है कि सरकार की योजनाएँ अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं हैं। पारंपरिक संस्कृति और आधुनिक विकास का यह मेल वाकई प्रेरणादायक है। क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे प्रयासों से ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकती है? प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से आपको क्या उम्मीदें हैं?