निकाय चुनावों को लेकर इनेलो मुख्यालय पर चौ अभय सिंह चौटाला ने जिला एवं शहरी प्रधानों की बैठक ली

चंडीगढ़, 11 फरवरी। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव चौ अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को इनेलो मुख्यालय में जिला और शहरी प्रधानों की एक बैठक ली जिसमें निकाय चुनावों में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा की। इस बैठक में इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरएस चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश भारती, पूर्व डीजीपी एमएस मलिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता उमेद लोहान और प्रदेश प्रवक्ता डा सतबीर सैनी मौजुद रहे। बैठक में तय हुआ कि अगले दो दिन के अंदर नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषद के चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से बातचीत करके पार्टी मुख्यालय को अवगत कराएंगे। जहां सिंबल पर चुनाव लड़ना जरूरी होगा वहां पार्टी सिंबल पर लड़ेंगे और जहां कोई ऐसा उम्मीदवार जो हमारी विचारधारा का होगा और हमारे से समर्थन मांगेगा तो उसे हम समर्थित उम्मीदवार के रूप में खड़ा करेंगे। दूसरा बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चार-चार जिले दिए हैं जहां जाकर वो इनेलो के जितने भी पुराने साथी हैं चाहे वो स्वर्गीय चौ देवीलाल के समय के हैं या स्वर्गीय चौ ओमप्रकाश चौटाला के साथ रहे हैं और किन्हीं वजहों से आज निष्क्रिय हैं उन सबसे संपर्क करेंगे और उनसे मिलकर बातचीत कर पार्टी में लाया जाएगा। उसके बाद फिर पार्टी का नए सिरे से संगठन बनाएंगे। संगठन बनाने के बाद जिलावार मीटिंग रखेंगे और सरकार की कमियां और खामियां उजागर करेंगे और भविष्य की राजनीतिक रूपरेखा तैयार करेंगे। पार्टी संगठन को और कैसे मजबूत और ज्यादा प्रभावी कैसे बनाया जाए उसको लेकर आगामी कार्यक्रम बनाए जाएंगे।
कांग्रेस द्वारा निकाय चुनावों को ईवीएम से न करावकर बैलेट पेपर पर करवाए जाने की मांग को खारिज करने को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस दोहरी नीति अपना रही है जब हिमाचल के चुनाव जीत कर सरकार बनाई और लोकसभा में हरियाणा की पांच सीटें जिती तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए तब तो सबकुछ ठीक था। जब हरियाणा के अंदर कांग्रेस ने बीजेपी की बी टीम के रूप में काम करके बीजेपी की सरकार बनाई तो प्रदेश के लोगों के साथ साथ भूपेंद्र हुड्डा के खेमे के नेताओं ने खुलकर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए तो मुद्दे को भटकाने के लिए ठीकरा ईवीएम पर फोड़ दिया। आज जब यह पोल खुल गई कि भूपेंद्र हुड्डा बीजेपी का एजेंट है तो अपने गुनाह छुपाने के लिए चुनाव आयोग के पास जाकर ढोंग कर रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा का बयान आया कि अगर दिल्ली में इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ता तो बीजेपी को हरा देते। तो फिर हरियाणा में इंडिया गठबंधन में चुनाव क्यों नहीं लड़ा? इससे साफ पता चलता है कि भूपेंद्र हुड्डा पिता पुत्र नहीं चाहते थे कि हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में आए। जैसे दिल्ली में कांग्रेस ने सिर्फ वोट काटने का काम किया है वैसे ही आने वाले समय में कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ वोट कटुआ पार्टी बनके रह जाएगी।

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